आवेदनों की पुनरावृत्ति:समाहर्तालय जनदर्शन कार्यक्रम की असफलता – टिया चौहान
सारंगढ़ खबर———जनदर्शन क्या है?? सभी जानते हैं समाहर्तालय में साप्ताहिक कार्यक्रम जनदर्शन पर आमजनों की समस्याओं को कलेक्टर द्वारा सुना और यथासंभव निराकरण किया जाता है। वाकई यथासंभव कुछ समस्याओं को तत्काल और कुछ समयांतराल में निराकरण करने की क्रिया जिला प्रशासन करती है वहां जनदर्शन कार्यक्रम वास्तविक तौर पर सफल माना जाता है किंतु कुछ बातों पर प्रशासन और प्रेस को गौर करने की खास आवश्यकता है वो है “आवेदनों की पुनरावृत्ति-गरीब आवेदकों पर आपत्ति।” जीहां अक्सर सुनने- देखने मिलता है कि प्रार्थी कई दिनों से लगातार कई बार गुहार लगा रहे होते हैं पर कोई परिणाम/समाधान नहीं आ रहा होता; ऐसा जब एक गरीब अथवा वृद्ध आवेदक कोसों की दूरी तय कर याचिका निदान, समाधान या न्याय की प्रतिक्षा करते हुए आवागमन की पुनरावृत्ति करता है तब सोचिएगा कि वे शारीरिक और आर्थिक हानि उठाने कहीं न कहीं मानसिक रूप से मजबूर होता है।
जिस प्रकार सरकारी क्षति से सरकार का खजाना संकट में आता है उसी प्रकार एक गरीब प्रार्थी का यूं सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से उक्त व्यक्ती को शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक हानि होती है; इस विषय पर प्रशासन सहमत व संवेदनशील होकर पूरी तरह सुनिश्चित कर ले कि एक आवेदन/आवेदक 3,4,5 बार कार्यालयीन चक्कर लगाने से मुक्ति पाए।