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कांटों पर झूलती कन्या देती है बस्तर दशहरा की अनुमतिः

कांटों पर झूलती कन्या देती है बस्तर दशहरा की अनुमतिः

नहीं होता रावण दहन; जानिए क्या है 616 साल पुरानी परंपरा का पुरी कनेक्शन

 

छत्तीसगढ़ का विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा 2 वजहों से खास और अलग है। पहला-ये 75 दिनों तक चलता है। दूसरा- इसमें रावण दहन नहीं होता, बल्कि रथ की परिक्रमा होती है। हर साल पाट जात्रा विधान से रस्म बस्तर दशहरा की शुरुआत होती है।

इस दौरान रथ घुमाए जाते हैं। रथ की चोरी भी हो जाती है। इस बीच तमाम रस्में चलती रहती हैं। इसके बाद मुरिया दरबार और फिर देवी विदाई के बाद दशहरा का समापन होता है। यह परंपरा करीब 616 सालों से चली आ रही है।

बस्तर दशहरा 75 दिन क्यों मनाया जाता है, इसमें रथ परिक्रमा क्यों होती है, अगर रावण दहन नहीं होता तो क्या होता है, जानिए बस्तर दशहरा की अनूठी परंपरा के बारे में दैनिक भास्कर की इस रिपोर्ट में…

पहले तस्वीरों में देखिए बस्तर दशहरा…

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