सारंगढ़।भीषण गर्मी में जहां हर व्यक्ति परेशान है, जहां गर्मी से आए दिन बिमारियां हो रही है, लोग बीमार पड़ रहे हैं, गर्म हवाएं, मौसम की आंख मिचौली से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है वहीं प्रदेश के समस्त स्कूलों को जून माह से खोला जा रहा है और इस भयंकर गर्मी में, बच्चों के लिए ये नुकसानदेह साबित हो सकता है, स्कूलों में सिर्फ एक पंखे के सहारे बच्चे गर्म हवा में बैठेंगे जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ना स्वाभाविक है, इतनी तेज और हालत खराब कर देने वाली गर्मी में बच्चों को स्कूल असेंबली, प्रार्थना करना होगा जो इस वक्त उचित प्रतीत होता नहीं है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक प्रचंड गर्मी ने सबके पसीने छुड़ा दिए हैं। वहीं तापमान में लगातार बढ़ोत्तरी और गर्म हवाओं के चलते सड़कें सूनी होने लगी है।तापमान बढ़ने से दिन के साथ ही साथ रातें भी गर्म होने लगी है। गर्मी और सूरज की किरणों से बचने लोग तरह-तरह के उपाय भी कर रहे हैं। तापमान भी 40° डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया जा रहा है। सूर्य की तेज किरण और लू से बचने लोग घरों में समय व्यतीत कर रहे हैं। जरूरी काम होने पर लोग लू से बचने गमछा, टोपी चश्मा समेत अन्य उपाय करके घरों से निकल रहे हैं।वहीं लोग गर्मी और उमस से बचने घरों में रहकर एसी कूलर व पंखों का सहारा ले रहे हैं। सुबह 7 बजे से लेकर देर शाम तक लोग गर्म हवा और सूर्य की तपिश के चलते घरों में दुबकने मजबूर हो रहे हैं,वहीं बुजुर्ग और बच्चों को घर में रहने की सलाह भी जिला कलेक्टर द्वारा दी गई है। दोपहर के समय शहर की सड़कें वीरान और सुनसान नजर आ रही है। गर्मी, उमस व तेज गर्म हवाएं नित नये रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। समय रहते बचाव के लिए नीतिगत फैसला नहीं लिए गए तो एक बड़ी आबादी के जीवन पर संकट मंडरा सकता है। यह संकट तीखी गर्मी से होने वाली बीमारियों, लू से होने वाली मौते ही नहीं होगी? बल्कि हमारी खाद्य सुरक्षा श्रृंखला भी टूटेगी। इस तेज उमस गर्म हवाओं और लू से मरने वालों में अधिकांश गरीब व कामगार तबके के लोग ही होते हैं, जिनका जीवन गर्मी में बाहर निकले बिना या काम किए बिना चल नहीं सकता। हम यह कह सकते हैं कि इन्हें मौसम नहीं बल्कि गरीबी मारती है। शासन प्रशासन रेड अलर्ट, ऑरेंज अलर्ट की सूचना देकर अपने दायित्व से पल्ला नहीं झाड़ सकती ?इसके लिए शासन प्रशासन को नीतिगत नियम बनाने होंगे। सूर्य की तपिश से जन जीवन को बचाने के लिए सघन वृक्षारोपण किया जाना ज्यादा जरूरी होगा, क्योंकि तेज गर्मी और लू के चलते बाजार में सन्नाटा पसरने लगा है।वहीं तापमान में बढ़ोतरी होने से मिट्टी से बने मटकों की मांग भी बढ़ गई है। लोग घरों में शीतल जल का सेवन करने के लिए मटकों की खरीदी करने भी पहुंच रहे हैं। स्कूल, कॉलेज के संचालन दोपहर की तेज गर्मी के बीच कामगारों व बाजार के समय के निर्धारण को लेकर देश में एकरूपता का फैसला लेने की जरूरत है, साथ ही साथ विभिन्न फैक्ट्रियां व कार्य स्थलों पर पंखों, शीतल जल की उपलब्धता की अनिवार्यता भी शासन को सुनिश्चित करनी चाहिए।
जून से खुल रहे समस्त स्कूलों को 1 जुलाई से शुरू करे जिला प्रशासन-रवि तिवारी:
तापमान में गिरावट और तेज गर्मी को देखते हुए भाजपा के मीडिया प्रभारी और सारंगढ़ खबर के संपादक रवि तिवारी ने प्रशासन का ध्यानाकर्षित करते हुए कहा है कि शासन प्रशासन को चाहिए कि आने वाले समय मे जिला प्रशासन जून से शुरू होने वाले समस्त स्कूलों के खुलने की तारीख को 1 जुलाई से करने की कृपा करें ताकि छात्र छात्राओं और शिक्षकों को भी परेशानी ना हो।